प्रत्येक वर्ष 8 मार्च के दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) रूप में मनाया जाता है इस दिन को पूरे विश्व की महिलायें बडे ही उत्साह के साथ मनाती है तो आइये जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी -
यह दिवस सबसे पहली बार 28 फरवरी 1909 को सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका (America) द्वारा पूरे अमेरिका में मनाया गया था इसके बाद इस दिवस को वर्ष 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल (Socialist International) के कोपेनहेगन सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय का दर्जा प्रदान किया गया पहले महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था और उनके साथ ही सरकारी नौकरी में भी भेद भाव किया जाता था इसी के विरोध में वर्ष 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में लाखों महिलाओं ने रैली निकाली 1917 में रूसी महिलाओं द्वारा पहली बार शांति के लिए फ़रवरी माह के अंतिम रविवार को महिला दिवस मनाया गया यह दिवस फरवरी के आखिरी रविवार को मनाया जाता है जुलियन कैलेंडर के मुताबिक वर्ष 1917 में फरवरी माह का आखिरी रविवार 23 फरवरी को था ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी अब पूरी दुनियॉ में ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है इसी कारण यह दिवस 8 मार्च के दिन मनाया जाता है प्रत्यके वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की कुछ थीम -
- 1996 - “भूतकाल का जश्न, भविष्य की योजना”
- 1997 - “महिला और शांति की मेज”
- 1998 - “महिला और मानव अधिकार”
- 1999 - “महिलाओं के खिलाफ हिंसा मुक्त विश्व”
- 2000 - “शांति के लिये महिला संसक्ति”
- 2001 - “महिला और शांति: विरोध का प्रबंधन करती महिला”
- 2002 - “आज की अफगानी महिला: वास्तविकता और मौके”
- 2003 - “लैंगिक समानता और शताब्दी विकास लक्ष्य”
- 2004 - “महिला और एचआईवी/एड्स”
- 2005 - “2005 के बाद लैंगिक समानता; एक ज्यादा सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर रहा है”
- 2006 - “निर्णय निर्माण में महिला”
- 2007 - “लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिये दंडाभाव का अंत ”
- 2008 - “महिलाओं और लड़कियों में निवेश”
- 2009 - “महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिये महिला और पुरुष का एकजुट होना”
- 2010 - “बराबर का अधिकार, बराबर के मौके: सभी के लिये प्रगति”
- 2011 - “शिक्षा, प्रशिक्षण और विज्ञान और तकनीक तक बराबरी की पहुँच: महिलाओं के लिये अच्छे काम के लिये रास्ता”
- 2012 - “ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, गरीबी और भूखमरी का अंत”
- 2013 - “वादा, वादा होता है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने का अंत आ गया है”
- 2014 - “वादा, वादा होता है: महिलाओं के समानता सभी के लिये प्रगति है”
- 2015 - “महिला सशक्तिकरण- सशक्तिकरण इंसानियत: इसकी तस्वीर बनाओ
- 2016 - "इसे करना ही होगा"
- 2017 - ‘वीमेन इन द चेंजिंग वर्ल्ड ऑफ वर्क-प्लानेट 50-50 बाय 2030’