सामान्य हिन्दी के अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (One Word Substitution) हम यहां प्रस्तुत कर रहे है। सामान्य हिन्दी के यह सामग्री यूजीसी, पीसीएस, आरएएस, बी.एड, पीजीटी/ टीजीटी, एसएससी, बैंक, रेलवे, सब-इन्सपेक्टर इत्यादि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
● दिन में कम दिखायी देता हो – दिनौंधी (UPPCS)
● जंगल की आग – दावानल (Upper Sub., Low Sub.)
● जो बहुत कठिनाई से मिलता है – दुर्लभ, दुष्प्राप्य (RAS, UPPCS)
● ऐसा अकाल कि भिक्षा देना/लेना भी कठिन हो – दुर्भिक्ष (UPPCS)
● अनुचित बात के लिए आग्रह – दुराग्रह (UPPCS, Upper Sub.)
● ज्ञान नेत्र से देखने वाला अन्धा व्यक्ति – दिव्यद्रष्टा (UPPCS)
● कठिनाई से समझने योग्य – दुर्बोधगम्य (UPPCS)
● जिसकी जीविका दान पर चलती हो – दानवृत्ति (UKPCS)
● जो देखने योग्य हो – द्रष्टव्य, दर्शनीय (UPPCS)
● जिस वर की शादी दूसरी बार हो रही हो – द्विवर (UKPCS)
● दो भिन्न भाषा-भाषियों के बीच मध्यस्थता करने वाला – द्विभाषिया (Low Sub.)
● जंगल की आग – दावानल (Upper Sub., Low Sub.)
● जो बहुत कठिनाई से मिलता है – दुर्लभ, दुष्प्राप्य (RAS, UPPCS)
● ऐसा अकाल कि भिक्षा देना/लेना भी कठिन हो – दुर्भिक्ष (UPPCS)
● अनुचित बात के लिए आग्रह – दुराग्रह (UPPCS, Upper Sub.)
● ज्ञान नेत्र से देखने वाला अन्धा व्यक्ति – दिव्यद्रष्टा (UPPCS)
● कठिनाई से समझने योग्य – दुर्बोधगम्य (UPPCS)
● जिसकी जीविका दान पर चलती हो – दानवृत्ति (UKPCS)
● जो देखने योग्य हो – द्रष्टव्य, दर्शनीय (UPPCS)
● जिस वर की शादी दूसरी बार हो रही हो – द्विवर (UKPCS)
● दो भिन्न भाषा-भाषियों के बीच मध्यस्थता करने वाला – द्विभाषिया (Low Sub.)
● जिसकी धर्म में निष्ठा हो – धर्मनिष्ठ (RAS)
● जो गणना के अयोग्य हो – नगण्य (UPPCS)
● जो ईश्वर को न मानता हो -नास्तिक (UPPCS, BDO Upper Sub., BPSC, IAS)
● जो निन्दा के योग्य हो – निन्दनीय (Upper Sub.)
● जो नीचे लिखा गया है – निम्नलिखित (IAS)
● जो किसी से न डरे – निडर (UKPCS)
● जो भयभीत न होता हो – निर्भीक, निर्भय, अभय (IAS)
● मांस न खाने वाला – निरामिष (UPPCS)
● जिसके मन/हृदय में दया न हो – निर्दय, निर्दयी (Upper Sub., BDO)
● जिसके हृदय में ममता न हो – निर्मम (UPPCS, RO)
● जिसका कोई आधार न हो – निराधार (APO)
● जिसका कोई आश्रय न हो – निराश्रय (Upper Sub.)
● आकाश में विचरण करने वाला – नभचर (Low Sub.)
● जिसके विषय में मत-भेद न हो – निर्विवाद (MPPCS)
● जो नया आया हो – नवागत, आगन्तुक (UPPCS)
● जहाँ किसी बात का डर अथवा खतरा न हों – निरापद (UPPCS)
● देश के बाहर माल भेजना – निर्यात (UPPCS)
● जिसकी आशा न की गई हो – नियंत्रित (RAS)
● जहाँ आबादी न हो – निर्जन (Low Sub.)
● जो इन्द्रिय रहित हो – निरीन्द्रिय (BPSC)
● जिसका गला नीले रंग का है – नीलकंठ (Low Sub.)
● जिसका कोई अर्थ न हो – निरर्थक (UPPCS)
● जो नापा जा सके – नापनीय, नाप्य (MPPCS)
● निम्न कोटि का – निकृष्ट (Low Sub.)
● जिसे वाणी व्यक्त न कर सके – निर्वाक् (UPPCS)
● नष्ट हो जाने वाला – नष्ट प्राय (UPPCS)
● नीले रंग का कमल – नील कमल (UPPCS)
● जो शंका करने योग्य न हो – निःशंक (UPPCS)
● पृथ्वी से संबंधित या मिट्टी का बना हुआ – पार्थिव (UPPCS)
● जो देखने में प्रिय लगे – प्रियदर्शी (BPSC)
● इतिहास के युग से पूर्व का – प्रागैतिहासिक (BPSC, UPPCS)
● जिस स्त्री के पुत्र, पति दोनों हों – पुरन्ध्रि (BPSC)
● पिता से प्राप्त की हुई सम्पत्ति – पैतृक (RAS)
● पत्ते की बनी हुई कुटी – पर्णकुटी (Upper Sub.)
● किसी के निधन की वार्षिक तिथि – पुण्यतिथि (UKPCS)
● कही बात को बार-बार दुहराना – पिष्टपेषण, पुनरुक्ति (UPPCS)
● जिसके पार देखा जा सके – पारदर्शी, पादर्शक (UPPCS, IAS, UKPCS)
● जो अपनी जन्म भूमि छोड़कर विदेश में वास करता हो/जो व्यक्ति विदेश में रहता हो – प्रवासी (UPPCS)
● दिन का पहला भाग सबेरे से दोपहर तक/दोपहर से पूर्व का समय – पूर्वाह्न (BPSC, UPPCS)
● दूसरों का उपकार/हित/भला करने वाला – परोपकारी (IAS, Low Sub.)
● पुस्तक या लेखक की हस्तलिखित प्रति – पाण्डुलिपि (Low Sub.)
● जो दूसरे के अधीन हो – पराधीन (IAS)
● स्त्री जिसे पति ने छोड़ दिया हो – परित्यक्ता (UKPCS, UPPCS)
● जो निगाह (आँखो) से परे हो – परोक्ष, अप्रत्यक्ष (UPPCS)
● शीघ्र आग पकड़ने वाला – प्रज्वलनशील (MPPCS)
● पर्वत की ऊँचाई आदि का पता लगाने वाला अभियान दल – पर्वतारोही दल (MPPCS)
● एक मतवाद, जिसमें जीवन की सच्चाई और कठिनाइयों से भागने की प्रवृत्ति हो – पलायनवाद (MPPCS)
● लौटकर आया हुआ – प्रत्यावर्ती (UPPCS)
● जिस पर मुकदमा चल रहा हो/जो दायर मुकदमें का प्रतिवाद (बचाव) करे – प्रतिवादी (Low Sub., IAS, UPPCS)
● ग्रन्थ के वे बचे हुए अंश जो प्रायः अन्त में जोड़े जाते हैं? – परिशिष्ट (IAS)
● रात्रि का प्रथम प्रहर/रात्रि के पूर्व भाग का समय – प्रदोष (BPSC)
● प्रयत्न करना जिसका स्वभाव हो – प्रयत्नशील (APO)
● जो केवल फल खाकर रहता हो – फलाहारी (IAS)
● बहुत सी भाषाओं को जानने वाला/जो एक से अधिक भाषाएँ जानता हो – बहुभाषाविद्, बहुभाषी (UPPCS, Low Sub., UKPCS)
● जो आगे की बात सोचता है – भविष्यचेत्ता (MPPCS)
● जो भारत में रहता हो – भारतीय, भारतवासी (IAS)
● भूगर्भ विज्ञान का जानकार/जिसको भूमि के अन्दर की जानकारी हो – भूगर्भवेत्ता, भूगर्भशास्त्री (UKPCS)
● जो भू (भूमि) को धारण करता है – भूधर (UPPCS)
● जो पूर्व में था या हुआ था पर अभी नहीं है – भूतपूर्व (UPPCS)
● दोपहर का समय – मध्याह्न (IAS)
● जिसे मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा हो – मुमुक्ष (UKPCS, RAS, Upper Sub., UPPCS, IAS)
● मन, वचन और कार्य से – मनसा-वाचा-कर्मणा (Upper Sub.)
● जो कम खर्च करने वाला हो – मितव्ययी, कंजूस (UPPCS, APO)
● जिसने मृत्यु को जीत लिया हो/जिसने मृत्यु पर विजय पाई हो – मृत्युंजय (APO, UPPCS)
● थोड़ा और नपा-तुला भोजन करने वाला – मिताहारी (APO)
● किसी बात के मर्म (गूढ़ रहस्य) को जानने वाला/मन की बात जानने वाला – मर्मज्ञ (UPPCS)
● प्रिय वचन बोलने वाली स्त्री – मृदुभाषिणी (UPPCS)
● जो कम बोलने वाला हो – मितभाषी (Low Sub., UPPCS, IAS)
● जो मृत्यु के समीप हो – मरणासन्न (UPPCS)
● जो कम जानता है – मन्दबुद्धि (MPPCS)
● जो अपने मार्ग से भटक गया हो – मार्गभ्रमित (IAS)
● अपनी शक्ति भर – यथाशक्ति (UPPCS)
● जहाँ तक और जितना संभव हो – यथासंभव (APO)
● जिसने यश प्राप्त किया हो/जिसका यश चारों ओर फैल गया हो – यशस्वी (APO)
● जो युद्ध में स्थिर रहता हो – युधिष्ठिर (UPPCS, Low Sub., RAS)
● जहाँ नाटक खेला जाता है – रंगमंच (IAS)
● जो बात वर्णन के परे (बाहर) हो – वर्णनातीत (IAS)
● विष्णु सम्बंधी या उस संप्रदाय के नियमों पर चलने वाला – वैष्णव (Low Sub.)
● अनुचित यौन सम्बन्ध रखने वाला – व्यभिचारी (UPPCS)
● विभिन्न प्रकार के विवादों में फँसा हुआ – विवादास्पद (RAS)
● जो विधि/कानून की दृष्टि से ठीक/मान्य हो – वैध (Low Sub.)
● किसी विषय का, जिसको विशेष ज्ञान हो – विशेषज्ञ (MPPCS)
● जिस स्त्री का पति जीवित न हो – विधवा (UPPCS, BPSC)
● जिस पुरुष की पत्नी मर चुकी हो – विधुर (Upper Sub.)
● किसी मामले के खिलाफ दिया गया मत – विमति, टिप्पणी (RAS)
● वाणी का विकार – वाड्.मय (Low Sub.)
● काम के लिए अनुपयुक्त समय – वृथासमय (BPSC)
● दूसरों के कार्य में विघ्न डालने वाला – विघ्नकर, विघ्नकर्ता (MPPCS)
● विदेश में रहने वाला – विदेशी (UPPCS)
● जो व्याकरण को जानने वाला हो – वैयाकरण (BPSC, UPPCS, Low Sub.)
● जो व्यक्ति अधिक बोलता हो – वाचाल (RO, MPPCS, Upper Sub., UPPCS, Low Sub.)
● जो कानून के अनुकूल हो – विधि-सम्मत (UPPCS)
● वनस्पति का आहार करने वाला – वनस्पतत्याहारी (UPPCS)
● जिस पर विश्वास किया जा सके – विश्वसनीय, विश्वासपात्र (UPPCS)
● जिसका कोई अंग बेकार हो – विकलांग, अपांग (UPPCS)
● सौ वस्तुओं का संग्रह – शतक (RAS)
● सौ वर्षों का समूह, अवधि या समय – शतवर्ष, शताब्दी (Low Sub.)
● सदैव रहने वाला – शाश्वत्, अनाद्यन्त (RAS, UPPCS)
● जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता – शब्दातीत (UPPCS)
● जिसके सिर पर चन्द्रमा हो – शशिधर (UPPCS)
● जो सदा दूसरों पर संदेह करता हो – शंकालु (UPSI)
● समान रूप से ठण्डा और गरम – शीतोष्ण (UPPCS)
● वह जिसका शोषण किया जाय – शोषित (UKPCS)
● जहाँ सेना रहती हो – सैन्यवास (Low Sub.)
● जो सर्वत्र व्याप्त हो – सर्वव्यापी (UPPCS)
● जो सबको एक-सा समझता हो – समदर्शी (Upper Sub.)
● जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ (UPPCS, MPPCS, RO)
● जिकसी सीमा न हो – सीमातीत, असीमित (IAS, UPPCS)
● जो पढ़ना लिखना जानता हो/जिसे अक्षर-ज्ञान हो – साक्षर (UPPCS, Upper Sub.)
● जिस स्त्री का पति जीवित हो – सधवा, सौभाग्यवती (RO)
● जो असत्य न बोले/सत्य बोलने वाला – सत्यावादी (Low Sub., RAS)
● अच्छे आचरण वाला – सदाचारी (BPSC)
● जो आसानी से प्राप्त किया जा सके – सुग्राह्य (UPPCS)
● जहाँ खाना मुफ्त में मिलता है – सदाव्रत, लंगर (UPPCS)
● अपनी इच्छा के अनुसार आचरण करने वाला – स्वेच्छाचारी (APO)
● स्त्री के वश में रहने वाला/जिसका स्वभाव स्त्रियों जैसा हो – स्त्रैण (UPPCS)
● दो धाराओं या नदियों के मिलन का स्थान – संगम (Upper Sub., IAS)
● बहुत पढ़ी-लिखी स्त्री – सुशिक्षिता (Upper Sub.)
● जो हमेशा/निरंतर रहने वाला हो – स्थायी, शाश्वत (UPPCS)
● अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला – स्वयंसेवक (Upper Sub.)
● जो स्वयं भोजन बनाकर खाता हो – स्वयंपाकी (RAS)
● जो सव्य (बायें) हाथ से काम करता हो – सव्यसाची (UKPCS)
● जो एक ही माता के उदर (पेट) से उत्पन्न हुए हों – सहोदर (APO)
● संदेश ले जाने वाला – संदेशवाहक (UPPCS)
● बहुत पढ़ी-लिखी स्त्री – सुशिक्षिता (Upper Sub.)
● अच्छी आँखो वाली स्त्री – सुनयना (APO, Upper Sub.,)
● किसी काम में दूसरे से आगे बढ़ जाने की प्रबल इच्छा – स्पर्द्धा (RAS)
● जो स्मरण रखने योग्य हो – स्मरणीय (UPPCS, APO)
● जो आप से आप उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू (UPPCS)
● जो संसार का संहार करता हो – संहारक (IAS)
● जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो – सुग्रीव (UPPCS, APO)
● पसीने से उत्पन्न होने वाला – स्वेदज (UKPCS)
● भला या हित चाहने वाला – हितैषी (BPSC)
● मिठाई बनाकर बेचने वाला – हलवाई (IAS)
● जो क्षमा पाने योग्य है – क्षम्य (UPPCS, APO)
● जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते दिखायी पड़े – क्षितिज (RAS, IAS)
● भूत, भविष्य एवं वर्तमान को देखने वाला – त्रिकालदर्शी (RAS)
● जो गणना के अयोग्य हो – नगण्य (UPPCS)
● जो ईश्वर को न मानता हो -नास्तिक (UPPCS, BDO Upper Sub., BPSC, IAS)
● जो निन्दा के योग्य हो – निन्दनीय (Upper Sub.)
● जो नीचे लिखा गया है – निम्नलिखित (IAS)
● जो किसी से न डरे – निडर (UKPCS)
● जो भयभीत न होता हो – निर्भीक, निर्भय, अभय (IAS)
● मांस न खाने वाला – निरामिष (UPPCS)
● जिसके मन/हृदय में दया न हो – निर्दय, निर्दयी (Upper Sub., BDO)
● जिसके हृदय में ममता न हो – निर्मम (UPPCS, RO)
● जिसका कोई आधार न हो – निराधार (APO)
● जिसका कोई आश्रय न हो – निराश्रय (Upper Sub.)
● आकाश में विचरण करने वाला – नभचर (Low Sub.)
● जिसके विषय में मत-भेद न हो – निर्विवाद (MPPCS)
● जो नया आया हो – नवागत, आगन्तुक (UPPCS)
● जहाँ किसी बात का डर अथवा खतरा न हों – निरापद (UPPCS)
● देश के बाहर माल भेजना – निर्यात (UPPCS)
● जिसकी आशा न की गई हो – नियंत्रित (RAS)
● जहाँ आबादी न हो – निर्जन (Low Sub.)
● जो इन्द्रिय रहित हो – निरीन्द्रिय (BPSC)
● जिसका गला नीले रंग का है – नीलकंठ (Low Sub.)
● जिसका कोई अर्थ न हो – निरर्थक (UPPCS)
● जो नापा जा सके – नापनीय, नाप्य (MPPCS)
● निम्न कोटि का – निकृष्ट (Low Sub.)
● जिसे वाणी व्यक्त न कर सके – निर्वाक् (UPPCS)
● नष्ट हो जाने वाला – नष्ट प्राय (UPPCS)
● नीले रंग का कमल – नील कमल (UPPCS)
● जो शंका करने योग्य न हो – निःशंक (UPPCS)
● पृथ्वी से संबंधित या मिट्टी का बना हुआ – पार्थिव (UPPCS)
● जो देखने में प्रिय लगे – प्रियदर्शी (BPSC)
● इतिहास के युग से पूर्व का – प्रागैतिहासिक (BPSC, UPPCS)
● जिस स्त्री के पुत्र, पति दोनों हों – पुरन्ध्रि (BPSC)
● पिता से प्राप्त की हुई सम्पत्ति – पैतृक (RAS)
● पत्ते की बनी हुई कुटी – पर्णकुटी (Upper Sub.)
● किसी के निधन की वार्षिक तिथि – पुण्यतिथि (UKPCS)
● कही बात को बार-बार दुहराना – पिष्टपेषण, पुनरुक्ति (UPPCS)
● जिसके पार देखा जा सके – पारदर्शी, पादर्शक (UPPCS, IAS, UKPCS)
● जो अपनी जन्म भूमि छोड़कर विदेश में वास करता हो/जो व्यक्ति विदेश में रहता हो – प्रवासी (UPPCS)
● दिन का पहला भाग सबेरे से दोपहर तक/दोपहर से पूर्व का समय – पूर्वाह्न (BPSC, UPPCS)
● दूसरों का उपकार/हित/भला करने वाला – परोपकारी (IAS, Low Sub.)
● पुस्तक या लेखक की हस्तलिखित प्रति – पाण्डुलिपि (Low Sub.)
● जो दूसरे के अधीन हो – पराधीन (IAS)
● स्त्री जिसे पति ने छोड़ दिया हो – परित्यक्ता (UKPCS, UPPCS)
● जो निगाह (आँखो) से परे हो – परोक्ष, अप्रत्यक्ष (UPPCS)
● शीघ्र आग पकड़ने वाला – प्रज्वलनशील (MPPCS)
● पर्वत की ऊँचाई आदि का पता लगाने वाला अभियान दल – पर्वतारोही दल (MPPCS)
● एक मतवाद, जिसमें जीवन की सच्चाई और कठिनाइयों से भागने की प्रवृत्ति हो – पलायनवाद (MPPCS)
● लौटकर आया हुआ – प्रत्यावर्ती (UPPCS)
● जिस पर मुकदमा चल रहा हो/जो दायर मुकदमें का प्रतिवाद (बचाव) करे – प्रतिवादी (Low Sub., IAS, UPPCS)
● ग्रन्थ के वे बचे हुए अंश जो प्रायः अन्त में जोड़े जाते हैं? – परिशिष्ट (IAS)
● रात्रि का प्रथम प्रहर/रात्रि के पूर्व भाग का समय – प्रदोष (BPSC)
● प्रयत्न करना जिसका स्वभाव हो – प्रयत्नशील (APO)
● जो केवल फल खाकर रहता हो – फलाहारी (IAS)
● बहुत सी भाषाओं को जानने वाला/जो एक से अधिक भाषाएँ जानता हो – बहुभाषाविद्, बहुभाषी (UPPCS, Low Sub., UKPCS)
● जो आगे की बात सोचता है – भविष्यचेत्ता (MPPCS)
● जो भारत में रहता हो – भारतीय, भारतवासी (IAS)
● भूगर्भ विज्ञान का जानकार/जिसको भूमि के अन्दर की जानकारी हो – भूगर्भवेत्ता, भूगर्भशास्त्री (UKPCS)
● जो भू (भूमि) को धारण करता है – भूधर (UPPCS)
● जो पूर्व में था या हुआ था पर अभी नहीं है – भूतपूर्व (UPPCS)
● दोपहर का समय – मध्याह्न (IAS)
● जिसे मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा हो – मुमुक्ष (UKPCS, RAS, Upper Sub., UPPCS, IAS)
● मन, वचन और कार्य से – मनसा-वाचा-कर्मणा (Upper Sub.)
● जो कम खर्च करने वाला हो – मितव्ययी, कंजूस (UPPCS, APO)
● जिसने मृत्यु को जीत लिया हो/जिसने मृत्यु पर विजय पाई हो – मृत्युंजय (APO, UPPCS)
● थोड़ा और नपा-तुला भोजन करने वाला – मिताहारी (APO)
● किसी बात के मर्म (गूढ़ रहस्य) को जानने वाला/मन की बात जानने वाला – मर्मज्ञ (UPPCS)
● प्रिय वचन बोलने वाली स्त्री – मृदुभाषिणी (UPPCS)
● जो कम बोलने वाला हो – मितभाषी (Low Sub., UPPCS, IAS)
● जो मृत्यु के समीप हो – मरणासन्न (UPPCS)
● जो कम जानता है – मन्दबुद्धि (MPPCS)
● जो अपने मार्ग से भटक गया हो – मार्गभ्रमित (IAS)
● अपनी शक्ति भर – यथाशक्ति (UPPCS)
● जहाँ तक और जितना संभव हो – यथासंभव (APO)
● जिसने यश प्राप्त किया हो/जिसका यश चारों ओर फैल गया हो – यशस्वी (APO)
● जो युद्ध में स्थिर रहता हो – युधिष्ठिर (UPPCS, Low Sub., RAS)
● जहाँ नाटक खेला जाता है – रंगमंच (IAS)
● जो बात वर्णन के परे (बाहर) हो – वर्णनातीत (IAS)
● विष्णु सम्बंधी या उस संप्रदाय के नियमों पर चलने वाला – वैष्णव (Low Sub.)
● अनुचित यौन सम्बन्ध रखने वाला – व्यभिचारी (UPPCS)
● विभिन्न प्रकार के विवादों में फँसा हुआ – विवादास्पद (RAS)
● जो विधि/कानून की दृष्टि से ठीक/मान्य हो – वैध (Low Sub.)
● किसी विषय का, जिसको विशेष ज्ञान हो – विशेषज्ञ (MPPCS)
● जिस स्त्री का पति जीवित न हो – विधवा (UPPCS, BPSC)
● जिस पुरुष की पत्नी मर चुकी हो – विधुर (Upper Sub.)
● किसी मामले के खिलाफ दिया गया मत – विमति, टिप्पणी (RAS)
● वाणी का विकार – वाड्.मय (Low Sub.)
● काम के लिए अनुपयुक्त समय – वृथासमय (BPSC)
● दूसरों के कार्य में विघ्न डालने वाला – विघ्नकर, विघ्नकर्ता (MPPCS)
● विदेश में रहने वाला – विदेशी (UPPCS)
● जो व्याकरण को जानने वाला हो – वैयाकरण (BPSC, UPPCS, Low Sub.)
● जो व्यक्ति अधिक बोलता हो – वाचाल (RO, MPPCS, Upper Sub., UPPCS, Low Sub.)
● जो कानून के अनुकूल हो – विधि-सम्मत (UPPCS)
● वनस्पति का आहार करने वाला – वनस्पतत्याहारी (UPPCS)
● जिस पर विश्वास किया जा सके – विश्वसनीय, विश्वासपात्र (UPPCS)
● जिसका कोई अंग बेकार हो – विकलांग, अपांग (UPPCS)
● सौ वस्तुओं का संग्रह – शतक (RAS)
● सौ वर्षों का समूह, अवधि या समय – शतवर्ष, शताब्दी (Low Sub.)
● सदैव रहने वाला – शाश्वत्, अनाद्यन्त (RAS, UPPCS)
● जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता – शब्दातीत (UPPCS)
● जिसके सिर पर चन्द्रमा हो – शशिधर (UPPCS)
● जो सदा दूसरों पर संदेह करता हो – शंकालु (UPSI)
● समान रूप से ठण्डा और गरम – शीतोष्ण (UPPCS)
● वह जिसका शोषण किया जाय – शोषित (UKPCS)
● जहाँ सेना रहती हो – सैन्यवास (Low Sub.)
● जो सर्वत्र व्याप्त हो – सर्वव्यापी (UPPCS)
● जो सबको एक-सा समझता हो – समदर्शी (Upper Sub.)
● जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ (UPPCS, MPPCS, RO)
● जिकसी सीमा न हो – सीमातीत, असीमित (IAS, UPPCS)
● जो पढ़ना लिखना जानता हो/जिसे अक्षर-ज्ञान हो – साक्षर (UPPCS, Upper Sub.)
● जिस स्त्री का पति जीवित हो – सधवा, सौभाग्यवती (RO)
● जो असत्य न बोले/सत्य बोलने वाला – सत्यावादी (Low Sub., RAS)
● अच्छे आचरण वाला – सदाचारी (BPSC)
● जो आसानी से प्राप्त किया जा सके – सुग्राह्य (UPPCS)
● जहाँ खाना मुफ्त में मिलता है – सदाव्रत, लंगर (UPPCS)
● अपनी इच्छा के अनुसार आचरण करने वाला – स्वेच्छाचारी (APO)
● स्त्री के वश में रहने वाला/जिसका स्वभाव स्त्रियों जैसा हो – स्त्रैण (UPPCS)
● दो धाराओं या नदियों के मिलन का स्थान – संगम (Upper Sub., IAS)
● बहुत पढ़ी-लिखी स्त्री – सुशिक्षिता (Upper Sub.)
● जो हमेशा/निरंतर रहने वाला हो – स्थायी, शाश्वत (UPPCS)
● अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला – स्वयंसेवक (Upper Sub.)
● जो स्वयं भोजन बनाकर खाता हो – स्वयंपाकी (RAS)
● जो सव्य (बायें) हाथ से काम करता हो – सव्यसाची (UKPCS)
● जो एक ही माता के उदर (पेट) से उत्पन्न हुए हों – सहोदर (APO)
● संदेश ले जाने वाला – संदेशवाहक (UPPCS)
● बहुत पढ़ी-लिखी स्त्री – सुशिक्षिता (Upper Sub.)
● अच्छी आँखो वाली स्त्री – सुनयना (APO, Upper Sub.,)
● किसी काम में दूसरे से आगे बढ़ जाने की प्रबल इच्छा – स्पर्द्धा (RAS)
● जो स्मरण रखने योग्य हो – स्मरणीय (UPPCS, APO)
● जो आप से आप उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू (UPPCS)
● जो संसार का संहार करता हो – संहारक (IAS)
● जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो – सुग्रीव (UPPCS, APO)
● पसीने से उत्पन्न होने वाला – स्वेदज (UKPCS)
● भला या हित चाहने वाला – हितैषी (BPSC)
● मिठाई बनाकर बेचने वाला – हलवाई (IAS)
● जो क्षमा पाने योग्य है – क्षम्य (UPPCS, APO)
● जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते दिखायी पड़े – क्षितिज (RAS, IAS)
● भूत, भविष्य एवं वर्तमान को देखने वाला – त्रिकालदर्शी (RAS)